అదయి ౧౩ శ్లోక ౨౭
అదయి ౧౩ శ్లోక ౨౭ Chapter – 13 – Shloka – 27 He who beholds the imperishable Supreme Lord, existing equally in all perishable beings, realizes the truth. जो पुरुष नष्ट होते हुए इस चराचर भूतों में परमेश्वर को नाशरहित और समभाव से स्थित देखता हैं, वही यथार्थ देखता हैं ।। २७ ।। The Gita […]