అదయి ౭ శ్లోక ౧
Chapter – 7 – Shloka – 1
Lord Krishna further explained:
Dear Arjuna, with your mind fully absorbed in thoughts of Me and in the practice of Yoga as well, with total reliance on Me alone, listen to the secret of how to really know Me in entirety.
श्रीभगवान् बोले —- हे पार्थ ! अनन्य प्रेम से मुझ में आसक्त्त चित्त तथा अनन्य भाव से मेरे परायण होकर योग में लगा हुआ तू जिस प्रकार से सम्पूर्ण विभूति, बल, ऐश्वर्यादि गुणों से युक्त्त, सबके आत्म रूप मुझ को संशयरहित जानेगा, उसको सुन ।। १ ।।
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