అదయి ౪ శ్లోక ౩౧
Chapter – 4 – Shloka – 31
O Arjuna, only those people who have sacrificed to achieve wisdom and knowledge of Gyan, go to Brahma, (the creator of all beings and God of Wisdom in the World). Without performing some sort of sacrifice in life, one cannot possibly remain happy in this world, not to mention the afterworld.
हे कुरुश्रेष्ठ अर्जुन ! यज्ञ से बचे हुए अमृत का अनुभव करने वाले योगी जन सनातन परब्रह्म परमात्मा को प्राप्त होते हैं और यज्ञ न करने वाले पुरुष के लिये तो यह मनुष्य लोक भी सुखदायक नहीं है, फिर परलोक कैसे सुखदायक हो सकता है ।। ३१ ।।
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