అదయి ౧౩ శ్లోక ౨౯
Chapter – 13 – Shloka – 29
He is the real seer (or sage) who sees that all actions are performed by nature alone, and that the Self (Atman) is actionless.
और जो पुरुष सम्पूर्ण कर्मों को सब प्रकार से प्रकृति के द्वारा ही किये जाते हुए देखता है आत्मा को अकर्ता देखता है, वही यथार्थ देखता है ।। २९ ।।
The Gita in Sanskrit, Hindi, Gujarati, Marathi, Nepali and English – The Gita.net